Sunday 30 August 2015

28 अगस्त की वो रात....


28 अगस्त की रात एमफिल की कक्षाओं के लिए शिवगंगा एक्सप्रेस से वाराणसी जा रहा था। सुबह से शाम तक काम करने के बाद काफी थकावट हो रही थी..इस लिए 10 बजे तक सो गया। नींद ने पूरी तरह से मुझ पर पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया था। लगभग 11 बजे के पास मेरी आंख खुली तो ट्रेन का माहौल एकदम शांत था। अधिकतर यात्री या तो सो रहे थे या फिर चुपचाप लेटे थे। मेरे सामने वाली सीट पर दो लड़के बैठे थे। जिनमें से एक की उम्र लगभग 23 साल और दूसरे की उम्र 17 के आस पास रही होगी। आंख खुलने के बाद वॉट्सऐप पर आए हुए संदेश देखे लेकिन नींद हावी थी इसलिए किसी को रिप्लाई नहीं किया। अगले दिन शाम को आकर
ऑफिस ज्वाइन करना था इस लिए सोचा कि मैं ठीक तरह से आराम कर लूं और इसी उद्देश्य के साथ सो गया।

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मेरी सुन्दर नींद में अचानक से खलल पड़ी जब कोई गाना सुनाई दिया। बिना आंख खोले सोचा कि इतनी रात में कौन बेवकूफ ट्रेन में गाना बजा रहा है। फिर जब गाने के शब्दों पर ध्यान दिया तो पता लगा कि वो एक बर्थडे
सांग था। मैं उस धुन को सुनकर उठकर बैठ गया। मैंने देखा कि जो बड़ा लड़का था वो छोटे लड़के को ब्रिटानिया केक का पैकेट खोलकर खिलाने जा रहा था और मोबाइल पर वह धुन बज रही थी। मुझे उठा हुआ देखकर वो बड़ा लड़का मुझसे बोला कि सर, माफी चाहता हूं इतनी रात में डिस्टर्ब कर दिया। मैं कुछ बोलता इससे पहले ही वह बोला कि सर हम दोनों भाई हैं और अब तक दिल्ली में साथ में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन अब मेरा सिलेक्शन भारतीय सेना में हो गया है इसलिए अपने छोटे भाई को गृहनगर बनारस में छोड़कर 3 दिन बाद ट्रेनिंग पर निकलना है। और सेना से जुड़ने के बाद नहीं पता कि कभी भाई का जन्म दिन मना पाऊंगा या नहीं। इतना सुनते ही मेरे मुंह से अनायास ही निकला कि आज क्या डेट है? तो उसने जवाब दिया, 29 अगस्त...डेट सुनकर मैंने उस लड़के के हाथ से केक लिया और उसके छोटे भाई को खिलाते हुए बस इतना ही कहा कि इसी दिन मैंने भी किसी के साथ उसका आखिरी जन्मदिन मनाया था.....

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