Sunday 25 December 2016

मैं भी कहता हूं, भारत में असहिष्णुता है

9 फरवरी 2016, याद है क्या हुआ था उस दिन? देश के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में भारत की बर्बादी और अफजल के अरमानों को मंजिल तक पहुंचाने जैसे नारे लगे थे। क्या हुआ फिर? मीडिया चीखा, ‘राष्ट्रवादी’ चिल्लाए, पुलिस ने कुछ लेफ्ट विंग के छात्रनेताओं को उठाया, उनको कोर्ट में पेश किया और फिर कोर्ट ने उन्हें सशर्त अंतरिम जमानत दे दी। बस कहानी खत्म….

लगभग 9 महीने बीत गए, लेकिन आज तक भारत विरोधी नारे लगाने वालों को सजा नहीं मिली। अरे सजा छोड़िए साहब, हमारी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां उन लोगों की पहचान तक नहीं कर पाईं जिन्होंने देश को गालियां दी थीं। हम भी खामोश हो गए। हमें तो भूलने की बीमारी है। हम भूल गए कि हमारी मां को गालियां दी गई थीं।

भारत, एक ऐसा देश जहां के एक विश्वविद्यालय का छात्र गुमशुदा हो जाता है तो उस विश्वविद्यालय के वीसी तक को बंधक बना लिया जाता है, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां विश्व के सबसे बड़े गैर-राजनीतिक संगठन के कार्यकर्ताओं की हत्या पर नेता से अभिनेता तक, सभी मौन हो जाते हैं, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां गोरक्षक बनकर लोग अपनी व्यक्तिगत दुश्मनी निकालते हैं, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां एक आतंकी के जनाजे में हजारों की संख्या में लोग मातम मनाते हुए दिखते हैं, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां एक अभिनेता सीमा पर तैनात सैनिक की शहादत पर ‘बिगड़े बोल’ बोलने से भी नहीं हिचकता, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां एक आतंकी को ‘शहीद’ कहकर सम्मान दिया जाता है, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत एक ऐसा देश जहां सिर्फ तीन बार ‘तलाक-तलाक-तलाक’ बोलकर एक महिला के सपनों को एक झटके में चकनाचूर कर दिया जाता है, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते? (क्लिक कर पढ़ें: महिलाओं के शोषण का नायाब तरीका है तीन तलाक)

भारत, एक ऐसा देश जहां के लोग नवरात्र में तो भोज के लिए कन्याएं खोजते हैं, लेकिन पैदा होने से पहले ही अपनी बेटी को मार देते हैं, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?
विश्व गौरव

भारत, एक ऐसा देश जहां के लोग हलाला और मुताह जैसी कुप्रथाओं का खुले आम समर्थन करते हुए एक धर्मनिरपेक्ष देश में मजहबी कानून का पक्ष लेते हैं, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां के लोग बात तो ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’ की करते हैं, लेकिन महिला को दहेज के लालच में जिंदा जला देते हैं, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां के लोग राष्ट्र की वंदना की पर्याय सूक्ति, वंदे मातरम को एक संगठन और धर्म विशेष से जोड़कर देखते हैं और कहते हैं कि उनके गले पर चाकू भी रख दी जाएगी तब भी वंदे मातरम नहीं बोलेंगे, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां के लोग राजनीतिक विरोध करते-करते अपने स्तर को राष्ट्र विरोध तक ले आते हैं, उन्हें विदेशों में भी अपने प्रधानमंत्री की बुराई करने से कोई परहेज नहीं होता, वे घर के मतभेदों को मनभेद के रूप में विश्वपटल पर प्रदर्शित करते हैं, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां के लोग सरकार की अच्छी योजनाओं के साथ इसलिए नहीं खड़े होते क्योंकि वे विपक्षी पार्टी से आते हैं, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां ‘सवर्ण’ होते हुए भी दलितों को सम्मान दिलाने का प्रथम प्रयास करने वाले विनायक दामोदर सावरकर को गद्दार और सांप्रदायिक करार दिया जाता है, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां सनातन धर्म की सर्वोच्च पदवी पर विराजमान, स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती कहते हैं कि महिलाओं द्वारा शनि शिंगणापुर में पूजा किए जाने से बलात्कार बढ़ेंगे, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

भारत, एक ऐसा देश जहां के तथाकथित नारीवादियों ने महिला आजादी का पैमाना उनके कम कपड़ों और सिगरेट-शराब पीने को बना दिया है, क्या इसे असहिष्णुता नहीं कहते?

असहिष्णुता क्या है?  कोई भारत को गाली दे और उसे रोका जाए, असहिष्णुता यह नहीं है। असहिष्णुता है अपने कर्तव्य और अधिकार के मध्य सामंजस्य स्थापित न करना। लेकिन इस असहिष्णुता के होने का अर्थ यह कतई नहीं है कि मैं अपने देश को छोड़कर पाकिस्तान चला जाऊं या अगर मैं यह कहूं कि भारत में असहिष्णुता है तो कोई फर्जी राष्ट्रवादी मुझे देशद्रोही करार करके मेरे लिए पाकिस्तान का टिकट कटाकर ले आए। वास्तविक पीड़ा तो इस बात की है कि इस तरह की ‘असहिष्णुताओं’ पर ना ही कोई अवॉर्ड वापसी अभियान चलता है और ना कोई पत्रकार अपने चैनल की स्क्रीन काली करता है….

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