Wednesday 22 October 2014

एक भूल

जीवन में कुछ लोग ऐसे आते हैं जो अपना विशिष्ट महत्व बना लेते हैं...कभी कभी वो भावनाओं .के आधार पर कभी दिखावे के आधार पर...मैंने अपने अब तक के जीवन में किसी को अपने बहुत अधिक करीब नहीं आने दिया लेकिन नॉएडा आने के बाद एक शख्स ऐसा मिला जिससे अपने जीवन की हर बात शेयर करने की इच्छा हुई....लेकिन शायद उस व्यक्ति की प्रवत्ति अलग थी....2 दिन लगातार उसके व्यव्हार के विषय में सोचा तो लगा कि क्यों हम किसी के लिए स्वयं को परिवर्तित करे ....मित्रता स्वार्थी नहीं होती लेकिन उसकी हर एक बात से मात्र उसका स्वार्थ ही दिखता था.....मैंने भी प्रेम किया और शायद आज के समय में बिना अपेक्षा के प्रेम कोई नहीं कर सकता ....लेकिन जिससे प्रेम किया उसको भी मैं दुसरे स्थान पर रखता था फिर भी मेरी भावनाओं के साथ उस व्यक्ति ने खेला.....दोहरा चरित्र बहुत ही ख़राब होता है ...मुझे स्वयं पर गर्व होता था की मैं चेहरे से चरित्र को भांप सकता हूँ लेकिन अब पता चल रहा है की वो मेरी ग़लतफ़हमी थी ...
ये ब्लॉग लिखने से पहले मेरे मन में बहुत सी बातें थी लेकिन अभी मन में आ रहा है कि अपने करोडो के शब्दों को 2 कौड़ी के विचार पर क्यों नष्ट किया जाए .....
मेरे जीवन में अब एक ही इन्सान है जो मुझे मेरे जैसा लगता है....उसके लिए कुछ करने को जी चाहता है .....जिसके लिए बदलना अच्छा लगता है ....जिससे गुस्सा होकर फिर से मानना अच्छा लगता है....शायद मुझे उससे प्यार है या शायद एक धोखा.....


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