Sunday 25 December 2016

क्या आप अपने 'सिकुड़ते' मन में 'संजय' को खोजेंगे?

दिल्ली में ठंड का कहर शुरू हो गया है। इस कड़कड़ाती ठंड में सुबह 6 बजे उठकर 7 बजे ऑफिस के लिए निकलना बेहद मुश्किल लगता है लेकिन ऑफिस तो जाना ही है। आपके साथ भी ऐसा ही होता होगा ना? हमारे पास ना कपड़ों की कमी है और ना सुविधाओं की लेकिन इस देश में, इस दिल्ली में लाखों की संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो इस रूह कंपा देने वाली ठंड में इसलिए जिंदा नहीं रह पाते क्योंकि उनके पास रहने का कोई ऐसा ठिकाना ही नहीं है जहां वे इस ठंड से लड़ सकें। रहने का ठिकाना छोड़िए, उनके पास तो पहनने के लिए कपड़े तक नहीं हैं। रात में सड़क के किनारे सो जाने वाले इन लोगों को तो यह तक नहीं पता होता कि अगली सुबह की रोशनी वह देख भी पाएंगे या नहीं।

हम क्या कर सकते हैं? अगर आपके मन में यह सवाल आया है तो मैं आपसे कहना चाहूंगा कि आप बहुत कुछ कर सकते हैं। लगातार ठंड से मरने वालों के दर्द को महसूस करके उनके लिए कुछ करने वाले हमारे आपके बीच बहुत से लोग हैं। आज इस ब्लॉग के माध्यम से ऐसे ही एक लड़के के बारे में आपको बताने वाला हूं, जो पिछले 4 सालों से सड़क के किनारे रहने वालों को ठंड से लड़ने के ‘हथियार’ उपलब्ध करा रहा है। उम्मीद है कि एक बार दिल से आप भी उन गरीबों का दर्द महसूस करेंगे और इस लड़के से प्रेरणा लेकर ऐसा ही कुछ करेंगे।
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25 वर्षीय संजय तिवारी नाम का यह लड़का पिछले 4 सालों से लगातार ठंड के दिनों में स्वेटर कलेक्शन की एक मुहिम चलाता है। सोशल मीडिया के माध्यम से संजय लोगों से अपने पुराने ऊनी कपड़े मांगता है और रात में ठंड से ठिठुरते लोगों तक उन कपड़ों को पहुंचाता है। अस्पतालों, बस स्टैंडों और रेलवे स्टेशनों के आसपास रात गुजारने वाले इन लोगों को पिछले साल यानी 2015 में संजय ने 15000 से अधिक गर्म कपड़े डोनेट किए।
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संजय की इस मुहिम में बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो दिल्ली से काफी दूर हैं और आर्थिक सहयोग के जरिए वे इस काम में मदद करते हैं। संजय उन पैसों  से कंबल इत्यादि खरीदकर लोगों तक पहुंचाते हैं। संजय ने 4 साल पहले जब इस मुहिम को शुरू किया था तो उनके साथ सिर्फ उनकी एक दोस्त थी लेकिन आज उनकी टीम बहुत बड़ी हो गई है। संजय का कहना है कि उनकी यह कोशिश ठंड में बने रिश्तों को गर्माहट देने के लिए है। संजय की इस मुहिम से अब दिल्ली के कई एनजीओ भी जुड़ चुके हैं। वह अनेकों स्थानों पर ठंड के दौरान कलेक्शन बॉक्स रखते हैं और लोगों से अपने पुराने कपड़ों को उसमें डालने का निवेदन करते हैं।

हाल ही में दिल्ली के शास्त्री नगर स्थित जेडी फूड कोर्ट के संचालक जतिन ने भी संजय की मदद के लिए अपने फूड कोर्ट के बाहर एक ड्रॉप बॉक्स रखा है। जतिन के अलावा बहुत से लोग हैं जो उनकी मुहिम में उनका साथ दे रहे हैं। हर शाम कनॉट प्लेस के आस-पास संजय आपको गर्म कपड़े कलेक्ट करते हुए मिल जाएंगे। आज बस आपसे इतना ही निवेदन है कि अगर आप दिल्ली में हैं तो संजय या उनके जैसी मुहिम चलाने वालों के साथ मिलकर कुछ अच्छा करें। संजय और उनकी मुहिम से जुड़ी डिटेल्स आपको यहां क्लिक करके मिल सकती हैं। और अगर आप दिल्ली के बाहर हैं तो ठंड में ठिठुरते लोगों के दर्द को महसूस करके अपने अंदर के ‘संजय’ को खोजिए। आपकी छोटी सी कोशिश किसी के चेहरे पर मुस्कान ला सकती है, किसी की जिंदगी बचा सकती है।
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