Saturday 13 September 2014

एक अधूरी कहानी

जीवन में कभी कभी कुछ ऐसे पल आते जिनकी कमी जीवन भर खलती.उन पलों में कुछ ऐसे लोग मिल जाते जिनसे दूर जाने का ख्याल ही हमको परेशान कर देता....अपने मन के विचारों को हम उनसे कह भी नहीं पाते और हमारा व्यव्हार भी ऐसा हो जाता कि सब कुछ समझ में आ जाए....अपने जीवन में अभी मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा...ये हमारे जीवन का एक ऐसा समय होता है जब हम नहीं समझ पाते कि हम क्या कर रहे ...लेकिन हमारे जैसे व्यक्ति शायद ऐसी स्थिति में कुछ नहीं कर सकता क्यों की दिल और दिमाग एक साथ नहीं रहता...प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में यादों की लंबी फेहरिस्तहोती है। इन यादों में सफलता-असफलता, सुख-दुख सभी कुछ शामिल रहता है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी यादों को लेकर संजीदा रहता है और उसे लगता है कि वह अपनी यादों को याददाश्त में हमेशा बनाए रखे। ऐसा करना ठीक भी है क्योंकि इससे व्यक्ति अच्छे-बुरे दिन की तुलना करता है।जिन्हें गुस्सा आता है, वो लोग सच्चे होते हैं... हमने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुये देखा है...पता नहीं क्यों की कब और कैसे उससे इतनी मोहब्बत हो गयी कि उसके बिना एक पल बिताना भी मुश्किल लगता..बस दिल में एक ही तमन्ना रहती कि वो बस मेरे सामने बैठा रहे और हम उसे देखते रहें....वो हमसे बात करती रहे और हम उसकी आवाज सुनते सुनते सो जाएँ..ये सब मेरे जीवन में पहली बार हो रहा... हमेशा अपने लक्ष्य का निर्धारण करने अपने जीवन को अपनी खुद की शर्तों पर जीने का प्रयास किया ...ऐसा पहली बार हो रहा जब किसी और के लिए जीने का मन कर रहा ...मन करता की जैसा वो चाहती वैसा ही बन कर रहूँ ...उसे हमेशा अपनी साँसों में महसूस करूँ...इतनी ज्यादा मोहब्बत कभी किसी से होगी कभी नहीं सोचा था...पहली बार ऐसा लग रहा कि ज़िन्दगी अपने लिए जीनी है....बहुत कुछ कहना चाहता लेकिन उसे खोने के डर  से उससे कुछ नहीं कह पता ....उसे दुनिया की हर वो ख़ुशी देना चाहता जो उसने सपने में सोची हो...लिखना तो बहुत कुछ चाहता था लेकिन  शायद नहीं लिख सकता क्यों कि हम ही गलत हैं.....हमेशा से हम ही गलत थे....किसी के साथ रहने के लिए ये जरूरी नहीं आप क्या सोचते....ये जरूरी है कि आप किसे कितना महत्व देते....

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