मत कर मेरे चेहरे से मेरे किरदार का फैसला . .
तेरा वजूद मिट जायेगा मेरी हकीकत ढूँढते- ढूँढते
मैंने कहीं पढ़ा था
कि पैर की मोच और छोटी सोच इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती।
मैंने अपने एक ब्लाग
में लिखा था कि लोग मुझ पर दोहरा जीवन जीने के आरोप लगाते हैं,मैं आज फिर से उन
सभी मित्रों को सार्वजनिक रूप से बता देना चाहता हूँ कि मैं दो नहीं हजारों जीवन
जीता हूँ।मेरे जीवन में हजारों लोग हैं,और सभी अपनी व्यक्तिगत बातें मुझसे बताते
हैं।लेकिन कभी किसी की बात किसी और से नहीं की। और रही अपनी बात तो मैं इतनी
हिम्मत रखता हूँ कि अपने जीवन का पूरा सच और अपने मन के विचारों को एक सार्वजनिक
मंच पर लिख सकूँ। मैं क्या हूँ वो या तो मैं जानता हूँ या फिर वो जानते हैं
जिन्होंने मुझे सच में समझने की कोशिश की है।मेरे विषय में वो लोग कोई राय न बनाएँ
जो मात्र किसी की नजर में अच्छा बनने के लिए किसी के विषय में भी कुछ भी बोल देते
हैं।हम जैसे स्वयं होते हैं वैसा ही दूसरो के विषय में सोचते हैं। बचपन में एक
कहानी पढ़ी थी जो वर्तमान परिस्थितियों से जुड़ती हुई दिखी। कहानी कुछ इस प्रकार
थी-
एक लड़का और लड़की साथ में खेल रहे थे. लड़के के पास बहुत सुंदर
कंचे थे. लड़की के पास कुछ टॉफियां थीं. लड़के ने
लड़की से कहा कि वह टॉफियों के बदले में अपने सारे कंचे
लड़की को दे देगा. लड़की मान गई. लेकिन लड़के
ने चुपके से सबसे खूबसूरत दो- तीन कंचे दबा
लिए और बाकी कंचे लड़की को दे दिए. बदले में लड़की ने अपनी सारी टॉफियां लड़के को दे दीं. उस रात लड़की कंचों
को निहारते हुए खुशी से सोई. लेकिन लड़का इसी
सोच में डूबा रहा कि कहीं लड़की ने भी चालाकी
करके उससे कुछ टॉफियां तो नहीं छुपा लीं!
सीखः यदि तुम
किसी रिश्ते में सौ-फीसदी ईमानदार नहीं रहोगे
तो तुम्हें अपने साथी पर हमेशा शक होता रहेगा..
(आज का ये ब्लाग बहुत पीड़ा में लिखा है अगर कुछ बुरा लगे तो क्षमा करें।)
सब कुछ मिले ज़िन्दगी में तो जीने का क्या मज़ा;
जीने के लिए एक कमी की जरूरत भी जरूरी होती है।
जीने के लिए एक कमी की जरूरत भी जरूरी होती है।
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