Monday, 1 June 2015

दिल तो बच्चा है जी

पहचानिए अपने अंदर छिपे बच्चे को, कभी-कभी आपको लगता है कि बचपन के दिन ही सबसे अच्छे थे,स्कूल जाते या साईकल से गिरते बच्चों को देख आपको अपना बचपन याद आ जाता है,या स्टेशनरी की दुकान पर रंग-बिरंगी पेन्सिल देख दिल ललचा उठता हो,
रविवार की सुबह आप अचानक Nostalgic हो जाते हैं तो इसका मतलब समझिये आपके अन्दर एक बच्चा छिपा बैठा है। आपको बताते हैं वो 14 बातें जिनसे आपको पता चलेगा कि आप का दिल भी बच्चा है क्या
1.रविवार की किसी सुबह अचानक आपको मालगुड़ी डेज,शक्तिमान,अलिफ-लैला से लेकर दूरदर्शन के तमाम पुराने रामायण-महाभारत सरीखे कार्यक्रम याद आने लगते हैं। साथ ही आपको याद आता है कि कैसे रविवार की सुबह जबरिया आपके बेजा बढ़ आये बाल कटाए जाते थे
2. बड़े होकर भले कितनी दफ़ा आप आसमान में उड़े हों पर आज भी आसमान में हवाईजहाज की गरगराहट सुनकर एक बार सबसे नजरें बचाकर एयरोप्लेन देखने का से खुद को नही रोक पाते तो यकीन मानिए आप के अन्दर का बच्चा पंख फैलाकर उड़ने की फिराक में है।
3. नया मोबाइल यहाँ तक कि टीवी भी लेने पर आप सारे फीचर्स देख चुकने के बाद खुद को 'गेम कितने हैं,देखूँ जरा' कहते पाएं तो समझिये ये आपके अन्दर के बच्चे की जिज्ञासा है। 
4. अखबार हो या मैग्जीन आप पीछे से पलटना शुरू करते हैं,और सबसे पहले खेल का पन्ना खोलते हैं। 
5. अखबार का वो हिस्सा पढ़ना कभी नही भूलते जहाँ चुटकुले,कार्टून,पहेली या लघुकथाएं छपती हैं,अगर सच में ऐसा है तो आप मेंनानी-दादी ने बचपन से कहानियों की आदत डाल रखी है।
6. भारत-पाकिस्तान के मैच या किसी भी युद्ध फिल्म से ज्यादा आपको Frontier के टिन वाले Drawing box पर बना फौजी वाला चित्र उत्साहित करता है। 
7. कहीं भी केसरिया रंग दिखने पर आप नीचे हरे रंग का स्ट्रोक लगाकर तिरंगा बना देते हैं। 
8. टॉर्च हाथ लगते ही आप उसे किसी की आँख की ओर करके जलाते हैं। 
9. आपको मैथ्स से आज भी डर लगता है,खासतौर पर सत्रह के पहाड़े से। 
10. आप उस गली से आज भी नही जाते जहाँ आपको कुत्ते घूमते नजर आ जाएं,कुत्ते सामने दिख भी जाएं तो सबसे पहले आपकी नजरें पत्थर ढूँढने लगती है। 
11. कभी-कभी जल्दी में घर वालों की नजर से बचकर आप परदे में हाथ पोंछ ही देते हैं। 
12. घर आते ही आपका पहला सवाल होता है,माँ कहाँ है
13. स्टेशन के लिए एक घंटे पहले निकलने पर भी आपको डर लगता है कहीं ट्रेन न छूट जाए।
14. आपके लिए वो दस सेकण्ड बिताने सबसे मुश्किल होते हैं,जब मुँह पर साबुन लगा होता है,और आँखे बंद होती हैं।

भले ही आज आप ये सब याद न करते हों लेकिन इस ब्लाग को पढ़कर अपने बचपन के दिन जरूर याद आ गए होंगे।

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