Friday 4 September 2015

फिर हमें गुलाम बनाने का षड़यंत्र है ये...


जैसे ही कोई भारतीय पर्व या त्योहार आता है सोशल मीडिया पर कुछ  मैसेज प्रसारित होने लगते है।जिनमें उन त्योहारों का उस त्योहार के मूल उद्देश्य का मजाक उड़ाया जाने लगता है।ऐसे एक विषय पर पहले भी लिख चुका हूँ।


मुझे ये समझ नही आता कि क्या इन तथाकथित हिंदुओं के लिए भगवान मानने का पैमाना ये है कि किसके कितने लफड़े थे। सोचने वाली बात ये है कि हम और आप तो ऐसे सन्देश बना नहीं रहे...और जो हिन्दू ऐसे सन्देश भेज रहे हैं वो भी केवल कॉपी पेस्ट करते हैं।तो ये सब लिखता कौन है....
मित्रों हमारा चारित्रिक पतन करने के लिए ये एक षडयंत्र है कि हम अपनी संस्कृति और अपने इतिहास को निम्नतम स्तर का समझने लगें।
अपने पूज्यनीय पूर्वजों को टपोरी बिलकुल भी ना कहें।

कृष्ण जी ने नाग देवता को नहीं बल्कि लोगों के प्राण लेने वाले उस दुष्ट हत्यारे कालिया नाग का मर्दन किया था जिसके भय से लोगों ने यमुना नदी में जाना बन्द कर दिया था।
श्री कृष्ण जी कंकड़ मारकर लड़कियाँ नहीं छेड़ते थे, अपितु दुष्ट कंस के यहाँ होने वाली मक्खन की जबरन वसूली को अपने तरीके से रोकते थे और स्थानीय निवासियों का पोषण करते थे।
और दुष्ट चाहे अपना सगा ही क्यों न हो, पर यदि वो समाज को कष्ट पहुँचाने वाला हो तो उसको भी समाप्त करने में संकोच नहीं करना चाहिए, यह भगवान कृष्ण से सीखना चाहिए।
एक छोटी सी बात से आप उनके चरित्र की कल्पना कर सकते हैं कि भगवान श्री कृष्ण सर पर मोर पंख क्यों लगाते है.........क्यों कि मोर और मोरनी एक दूसरे को कभी स्पर्श नही करते मोर के पसीने को मोरनी चाट लेती है तो और मोर पैदा होते है अर्थात जो चरित्र का अच्छा होता है भगवान उसे अपने सर पर बैठाते है।

उनके 16000 लफड़े नहीं थे, अपितु नरकासुर की कैद से छुड़ाई गई ब्रज की महिलाएं थीं जिन्हें सम्भवतः समाज स्वीकार नहीं कर रहा था, उन्हें पत्नी का सम्मानजनक दर्जा देकर व्यवस्था परिवर्तन का पाञ्चजन्य फूंकने वाले उस पूर्वज के विषय में ऐसी बातें शोभा नहीं देतीं। वो भोगी नहीं योगी थे।इसलिए उन्हें भगवान मानते हैं। उनके ऐसे चरित्र की वजह से ही उन्हें योगेश्वर कृष्ण कहा जाता है भोगेश्वर नहीं।

कृपया भविष्य में कभी भी किसी हिन्दू देवी देवता के लिये कोई अपमानजनक बात न तो प्रसारित करें और न ही करने दें।

यदि यह संदेश किसी और ने आपको भेजा है तो उसे भी रोकें। आप मेरे इस विषय को अन्य लोगों तक भी भेजें जिससे इस षड्यंत्र का पर्दाफास हो सके।

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